
Computer GK in Hindi (कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान)
'कम्प्यूटर' शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के शब्द 'कम्प्यूट' से हुई है, जिसका अर्थ है 'गणना करना'।' कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक सामग्री (आंकड़ा) संसाधन युक्ति है, जो उच्च गति, सटीकता तथा यथार्थता के साथ काफी आंकड़ों को पढ़ तथा लिख, गणना तथा तुलना, संचित तथा संसाधन कर सकता है। यह संचित प्रोग्राम अवधारणा पर, अर्थात् दिए गए अनुदेशों पर काम करता है। जब एक बार सामग्री (आंकड़े) तथा निर्धारित अनुदेश इसकी स्मृति संग्राहक इकाई (मेमोरी) में भर दिया जाता है, तक यह अनुदेशों का पालन करता है, आंकड़ों पर अनुदेशों को निष्पादित करता है तथा परिणाम देता है। इसकी कार्यप्रणाली स्वचालित है। यह इलैक्ट्रानिक घटकों-ट्रांजिस्टर, रेसिस्टर (प्रतिरोधक), डायोड तथा सर्किट का उपयोग करता है।
कम्प्यूटर प्रमुखत: चार प्रकार के तकनीकी कार्य करता हैं:
(1) डाटा का संकलन तथा निवेशन करना (Collection & Input)
(2) डाटा का संचयन करना (Storage)
(3) डाटा का संसाधन (Processing)
(4) डाटा/इन्फॉर्मेशन (Information) का निर्गम या पुनर्निर्गमन करना (Retrieval)
कम्प्यूटर की रचना (Parts of Computer in Hindi)
एक सामान्य कम्प्यूटर प्रणाली में निम्न शामिल होते हैं
इनपुट युक्ति
यह युक्ति मनुष्य से मशीन संचार के लिए प्रयुक्त की जाती है। सामग्री जिसे कम्प्यूटर में संसाधित किया जाना होता है, को इस युक्ति के जरिए प्रविष्ट किया जाता है। प्रमुख इनपुट युक्तियाँ की-बोर्ड (कुंजी पटल), ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर, मार्क रीडर, मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर इत्यादि है।
आउटपुट युक्ति
यह युक्ति मशीन से मनुष्य संचार के लिए प्रयुक्त की जाती है। संसाधित परिणामों को इन युक्तियों के जरिए प्रणाली से पुनः प्राप्त किया जाता है, जैसे- वीडियो डिस्पले यूनिट (दृश्य प्रदर्शक इकाई), प्रिंटर (मुद्रक), प्लोटरस्।
सी.पी.यू.
केन्द्रीय संसाधन इकाई कम्प्यूटर के सभी कार्यों को समेकित तथा संयोजित करके सम्पूर्ण प्रणाली को नियंत्रित करती है। यह कुंजीपटल जैसी विभिन्न इनपुट युक्तियों द्वारा उसको जारो अनुदेशों का पालन करता है तथा प्रिंटर जैसी विभिन्न बाहा युक्तियों के लिए आउटपुट को संयोजित करता है। यह उन अनुदेशों, जो प्राथमिक स्टोरेज (संचय) में संचित है, को लाने, उनकी व्याख्या करने तथा उन सभी हार्डवेयर इकाईयों, जो अनुदेशों को आगे ले जाने के लिए आवश्यक हैं, के लिए आदेश जारी करने के लिए उत्तरदायी है।
ए. एल.यू.
यह कम्प्यूटर के अंकगणितीय व तार्किक कार्यों को करने के लिए उत्तरदायी है। अंकगणितीय कार्य संख्या की तुलना करने तथा 'कम', 'बराबर' एवं 'अधिक' को शामिल करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं। ए०एल०यू० पाठ्य के साथ-साथ संख्याओं को भी संभाल सकते हैं। कई बार कम्प्यूटर अंकगणितीय सह-संसाधन के साथ सुसज्जित होता है जो केवल अंकगणितीय कार्य करने के लिए दूसरा समर्पित सूक्ष्म संसाधन है। सह-संसाधन से गणनाओं की गति बढ़ती है।
मैमोरी (स्मृति संग्राहक इकाई)
यह सामग्री (आंकड़े) तथा कार्यक्रम को संचित करने के लिए प्रयुक्त की जाती है। सम्पूर्ण स्मृति संग्राहक दो भागों में विभाजित है। एक भाग में लेबल लगे अनेक बॉक्स हैं—प्रत्येक बाक्स में प्रति सामग्री मद है। अन्य ऐल्गोरिथ्म विधि को स्टोर (संचित) करते हैं।
प्राथमिक संचय इकाई (प्राइमरी यूनिट) : यह कम्प्यूटर का स्मृति संग्राहक है जहाँ जानकारी को स्थायी रूप से संचित किया जाता है। इस स्मृति संग्राहक के दो स्पष्ट रूप हैं।
- रॉम : जब कम्प्यूटर को चलाने के लिए शुरू किया जाता है तो सभी प्रकार की जानकारी तथा आवश्यक अनुदेश इसमें शामिल होते हैं। यह जानकारी रॉम (ROM) रेजीडेंट होती है तथा बनाते समय इसमें डाली जाती है तथा बाद में स्थायी रूप से चिप में संचय कर ली जाती है। यह स्मृति संग्राहक लिखने की बजाए केवल पठन में सक्षम है तथा इसलिए इसे रॉम कहा जाता है। यह अपरिवर्तनशील स्मृति संग्राहक है।
- गौण संचय युक्तियाँ (सैकेण्डरी स्टोरेज डिवाइस) : इसमें अनेक गौण संचय युक्तियाँ हैं जो स्थायी सामग्री को संचय करने के लिए प्रयुक्त की जाती हैं। इन युक्तियों को सहायक स्मृति संग्राहक भी कहा जाता है। जैसे—हार्ड डिस्क, मैग्नेटिक टेप्स, फ्लॉपी, सीडी-रॉम (CD-ROM) ।
संचार तन्त्र (नेटवर्किंग)
इसका तात्पर्य टर्मिनलों को परस्पर जोड़ना है जिसमें ये सर्वर से जुड़े होते हैं तथा प्रत्येक टर्मिनल का अपना प्रोसेसर होता है।
हमारे पास तीन प्रकार के नेटवर्क हैं-
→ लैन- स्थानीय क्षेत्र (लोकल एरिया) नेटवर्क
→ मैन-महानगर क्षेत्र (मेट्रोपोलिटन एरिया) नेटवर्क
→ वैन-व्यापक क्षेत्र (वाइड एरिया) नेटवर्क
Computer Facts (Computer GK Notes in hindi)
बिट: यह कम्प्यूटरों की मूल इकाई है। इसके एक (1) तथा शून्य (0) दो बिट हो सकते हैं।
निबल: चार बिटों का युग्म।
बाइट : आठ बिटों का युग्म
1 किलोबाइट = 1024 बाइट्स
1 मैगाबाइट = (1024) x (1024) बाइट्स
1 गिगाबाइट- (1024) x (1024) × (1024) बाइट्स
माइक्रोसॉफ्ट वर्ड : यह एक वर्ड प्रोसेसिंग पैकेज है, जिसकी सहायता से साधारण दैनिक पत्र व्यवहार से लेकर डेस्कटॉप पब्लिशिंग स्तर के कार्य सुविधापूर्वक किए जा सकते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल : यह एक इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट है, जो सांख्यिक गणना करने तथा चार्ट बनाने में सहायता करता है।
माइक्रोसॉफ्ट पॉवर पाइंट: यह प्रस्तुतीकरण तथा स्लाइड शो को तैयार करने के लिए शक्तिशाली उपकरण है।
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस: यह डेटाबेस बनाने तथा प्रबंधन के लिए शक्तिशाली प्रोग्राम है जो विण्डीज इन्वाइरनमेन्ट में काम करता है। इनमें डेटा को देखने तथा निर्माण में सहायता करने के लिए सुविधाएँ हैं।
चार्ल्स बेबैज को कम्प्यूटर का पितामह कहा जाता है।
21 वर्ष की आयु में स्टीव जॉब्स ने 1976 में वॉजनिक के साथ मिलकर एप्पल कम्पनी बनाई। तकनीक के इस जादूगर की मृत्यु 5 अक्टूबर 2011 में कैंसर के कारण हुई।
बिल गेट्स ने पॉल एलेन के साथ एक सॉफ्टवेयर कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की। सॉफ्टवेयर में बिल गेट्स की जिज्ञासा इतनी ज्यादा थी कि इन्होंने 13 वर्ष की उम्र में ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग शुरू कर दी थी।
भारत में प्रथम कम्प्यूटर 16 अगस्त, 1986 को बंगलुरु के प्रधान डाकघर में लगाया था।
टिम बर्नर्स ली www (world wide web) के आविष्कारक तथा प्रवर्तक हैं।
विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर क्रे.के. 1-एस. था, जो 1979 में बनकर तैयार हुआ था। इसे अमेरिका की क्रे रिसर्च कम्पनी ने बनाया था।
विश्व के प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर का नाम एनीयक है।
इण्टरनेट पर उपलब्ध होने वाला प्रथम भारतीय समाचार पत्र द हिन्दू है।
विश्व का प्रथम डिजिटल कम्प्यूटर यूनीवेक था।
इन्टीग्रेटेड सर्किट चिप का विकास जे.एस. किल्बी ने किया।
पुणे के सी-डैक (C-DAC) के वैज्ञानिक ने 28 मार्च, 1998 को प्रति सेकण्ड एक खराब गणना करने की क्षमता से युक्त कम्प्यूटर परम-10000 का निर्माण किया। इसके विकास का मुख्य श्रेय DAC के कार्यकारी निदेशक डॉ. विजय पी. भास्कर को जाता है।
कम्प्यूटर वाइरस एक मानव निर्मित डिजीटल परजीवी है, जो फाइल संक्रामक के नाम से जाना जाता है।
ब्ल्यूटूथ तकनीक: ब्ल्यूटूथ बेतार (वायरलेस) संचार के लिए एक प्रोटोकॉल है। मोबाइल फोन, लैपटॉप, संगणक, प्रिन्टर, डिजिटल कैमरा और वीडियो गेम, जैसे उपकरण इसके माध्यम से एक-दूसरे से जुड़कर जानकारी का आदान-प्रदान कर सकते हैं। ब्ल्यूटूथ को अपेक्षाकृत कम दूरी, यहाँ तक की सिर्फ कुछ मीटर के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
यूनीकोड मानक एक 16 बिट्स इनकोडिन मानक हैं, जिसे बहुभाषा सॉफ्टवेयर के विकास हेतु उद्योग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग किया जा रहा है।
क्लाउड कम्प्यूटर : इन्टरनेट आधारित एक विशिष्ट प्रक्रिया को 'क्लाउड कम्प्यूटर' कहते हैं। इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ता को सभी सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम इन्टरनेट के माध्यम से आवश्यकता के समय तुरन्त उपलब्ध हो जाते हैं।
आकाश टैबलेट : यह भारत द्वारा बनाया गया दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट कम्प्यूटर है। इसका निर्माण मानव संसाधन मन्त्रालय एवं विदेशी कम्पनी 'डाटाविण्ड' ने किया है। यह एक टचस्क्रीन टैबलेट है, जिसमें 256 मेगाबाइट की रैम तथा 2 गीगाबाइट का एस. डी. कार्ड (मेमोरी कार्ड) है।
वाईमैक्स : इस तकनीक के माध्यम से एक कम्प्यूटर, दूसरे कम्प्यूटर से बिना तारों की सहायता से सम्पर्क स्थापित करते हैं। वाईमैक्स इण्टरनेट एवं सेल्युलर दोनों नेटवर्कों पर काम करता है।
विकिपीडिया : विकिपीडिया एक मुफ्त, वेच आधारित और सहयोगी बहुभाषी विश्वकोष है। इसे जनवरी 2001 में जिम्मी वेल्स और लेरी सेगर के द्वारा शुरू किया गया था तथा यह वर्तमान में इन्टरनेट पर सबसे लोकप्रिय सन्दर्भ कार्य है। विकिपीडिया नामक वेबसाइट 'विकी इन्जन' पर आधारित है, जो इस वेबसाइट के पेजों का सम्पादन करने में सहायता प्रदान करता है।
विकिलीक्स : विकिलीक्स एक वेबसाइट है, जो अनाम रूप से प्रदान किए गए संवेदनशील दस्तावेजों को प्रकाशित करती है। विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन पॉल असांजे हैं। विकिलीक्स पर काम करने से पहले वे एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर और हैकर थे।
ब्लॉगिंग : इन्टरनेट पर विचारों को व्यक्त करने के माध्यम के रूप में ब्लॉगिंग ने काफी लोकप्रियता पाई है। ब्लॉग एक प्रकार की वेबसाइट होती है, जहाँ पर व्यक्ति विशेष रेगुलर एंट्री करते रहते हैं। आजकल ब्लॉगिंग के कई रूप देखने को मिल रहे हैं, जैसे पर्सनल ब्लॉग, कॉरपोरेट ब्लॉग, एजुकेशनल ब्लॉग, बिजनेस ब्लॉग आदि।
फेसबुक : मार्क जुकरबर्ग द्वारा स्थापित फेसबुक इन्टरनेट पर स्थित एक निःशुल्क सामाजिक नेटवर्किंग सेवा है, जिसके माध्यम से इसके सदस्य अपने मित्रों, परिवार और परिचितों के साथ सम्पर्क रख सकते हैं।
ट्विटर : ट्विटर एक मुक्त सामाजिक संजाल व सूक्ष्म ब्लॉगिंग सेवा है, जो अपने उपयोगकर्ताओं को अपनी अद्यतन जानकारियाँ, जिन्हें ट्वीट्स कहते हैं, एक-दूसरे को भेजने और पढ़ने की सुविधा देता है।
कम्प्यूटर वायरस (Computer Virus)
कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का मैलवेयर है जो खुद को दोहरा सकता है और एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में फैल सकता है। इससे डेटा की हानि भी हो सकती है।
पहला कंप्यूटर वायरस पाकिस्तानी प्रोग्रामर बासित फारूक अल्वी ने 1986 में बनाया था, जिन्होंने इसे एक प्रयोग के रूप में यह परीक्षण करने के लिए बनाया था कि क्या सॉफ्टवेयर जैविक वायरस की तरह फैल सकता है।
कम्प्यूटर वायरस में VIRUS का पूर्ण रूप है - Vital Information Resources Under Seize.
कम्प्यूटर की पीढ़ियां (Computer GK Notes in hindi)
पीढ़ी | मुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटक | लाभ | दोष | टिप्पणी |
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प्रथम पीढ़ी (1940-52) | इलेक्ट्रॉन ट्यूब | केवल इलेक्ट्रॉन-ट्यूब ही आवश्यक | बड़ा आकार, ऊष्मा की उत्पत्ति, कम विश्वसनीय, अधिक रख-रखाव, वातानुकूलन आवश्यक | अलग-अलग घटको को हाथों से जोड़कर एक इकाई बनानी पड़ती थी। |
द्वितीय पीढ़ी (1952-64) | ट्रांजिस्टर | छोटा आकार, कम ऊष्मा की उत्पत्ति, अधिक विश्वसनीयता, तेज गति से कार्य-निष्पादन | अधिक रख-रखाव, वातानुकूलन आवश्यक | अलग-अलग घटकों को जोड़कर कम्प्यूटर इकाई बनानी पड़ती थी। |
तृतीय पीढ़ी (1964-71) | इण्टिग्रेटेड सर्किट (IC) | आकार में और छोटा, कम ऊष्मा का उत्पादन, ऊर्जा खपत बहुत कम, अधिक विश्वसनीयता, अधिक तेज निष्पादन | उत्पादन में आरम्भिक कठिनाइयां | प्रयुक्त घटकों की संख्या में भारी कमी, उत्पादन क्रियाओं में कम मानव-श्रम की आवश्यकता। |
चतुर्थ पीढ़ी (1971-89) | वृहद् एकीकृत सर्किट (LSI) | ऊर्जा खपत और उत्पन्न ऊष्मा बहुत कमी, माइक्रो कम्प्यूटरों का वातानुकूलन अनिवार्य नहीं, बहुत छोटा आकार, न्यूनतम रख-रखाव | बड़े कम्प्यूटरों की तुलना में माइक्रो-कम्प्यूटर कम शक्तिशाली होते हैं। | घटकों में कमी, कम मानव-श्रम से उत्पादित, कीमतों में कमी, घरेलू कम्प्यूटरों का प्रचलन, कम्प्यूटरों की बढ़ी लोकप्रियता। |
पांचवीं पीढ़ी (1990 से) | अत्यंत वृहत् एकीकृत सर्किट (VLSI) | माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हुआ। यहाँ तक की 4-8 माइक्रोप्रोसेसर एक साथ ही चिप में स्थापित होने लगे जिससे ये अपार शक्तिशाली हो गए। | इस पीढ़ी का विकासक्रम अभी भी चल रहा है और कंप्यूटर जगत नए-नए आयाम को छूने की ओर अब भी अग्रसर है। | इंटरनेट ने कंप्यूटर की दुनिया मे क्रान्ति ला दी है। आज सारा विश्व मानो जैसे एक ही छोटे से कंप्यूटर में समा सा गया है। |
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